स्वापक नियंत्रण ब्यरो (एनसीबी) के उप महानिदेशक (संचालन) ज्ञानेश्वर सिंह ने एक बयान में कहा कि मादक पदार्थ बनाने वाली इन अवैध इकाइयों में शामिल लोगों की पहचान करने के लिए दोनों एजेंसियों द्वारा लगभग तीन महीने की गहन तकनीकी और जमीनी निगरानी के बाद प्रयोगशालाओं का पता लगाया गया.
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