पवित्र पुष्प: दुर्गा को एक उपहार (Pavitra Pushp: Durga Ko Ek Uphaar)

(Pavitra Pushp: Durga Ko Ek Uphaar)


जबा (Jaba) के नाम से जाना जाने वाला जूतानुमा फूल, जिसे वनस्पति शास्त्री हिबिस्कस (Hibiscus) कहते हैं, हिंदू पूजा में एक विशेष स्थान रखता है। जहाँ इसे कई देवी-देवताओं को चढ़ाया जाता है, वहीं इसका सबसे महत्वपूर्ण संबंध शक्तिशाली देवी दुर्गा के साथ है।

पौराणिक कथाओं में उस समय की बात मिलती है, जब राक्षसों का संहार करने वाली दुर्गा ने क्रूर रूप धारण कर काली का रूप लिया था। इस रूपांतर को देखते हुए, विनम्र जपा के फूल ने अपनी पंखुड़ियों का लाल रंग देवी काली की आँखों में भरने की पेशकश की, जिससे उनके नेत्र क्रोध से लाल हो जाएं और शत्रुओं के दिलों में दहशत पैदा कर दें। इस निस्वार्थ भाव से प्रभावित होकर, दुर्गा ने फूल पर एक शक्तिशाली आशीर्वाद दिया।

"क्या मैं हमेशा आपकी सेवा कर सकता हूँ?" पौधे ने विनम्रतापूर्वक निवेदन किया।

दुर्गा, उसकी भक्ति से प्रसन्न होकर, उसकी इच्छा को पूरा कर दिया। तब से, देवी ने वादा किया कि जो कोई भी उन्हें जपा के फूलों को चढ़ाएगा, उन्हें उनका आशीर्वाद प्राप्त होगा।

आज, भारत की धरती पर 200 से अधिक किस्मों के जपा के फूल उगते हैं। फिर भी, यह चमकदार लाल चाइना रोज़ ही है जो दुर्गा के साथ सबसे निकट से जुड़ा हुआ है। इसका जीवंत रंग देवी की ज्वलंत शक्ति का प्रतीक बना हुआ है, जो दिव्यता और इस खूबसूरत फूल के बीच पवित्र बंधन की निरंतर याद दिलाता है।


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